Jagannath Rath Yatra in Gujarat
🔱 प्रस्तावना
भारत विविधताओं से भरा देश है, जहाँ हर धर्म, हर संप्रदाय और हर परंपरा की अपनी गहराई और महत्व है। ओडिशा के पुरी शहर में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुजरात के अहमदाबाद में भी यह रथ यात्रा उसी श्रद्धा और भव्यता के साथ निकाली जाती है? सवाल उठता है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा गुजरात में क्यों निकाली जाती है? इसके पीछे क्या कोई धार्मिक, ऐतिहासिक या आध्यात्मिक रहस्य है?
आइए जानते हैं इस परंपरा की पूरी कहानी…
🕉️ भगवान जगन्नाथ कौन हैं?
भगवान जगन्नाथ, भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का ही एक रूप माने जाते हैं। जगन्नाथ का अर्थ होता है – “जगत के नाथ” यानी समस्त संसार के स्वामी। इनके साथ रथ यात्रा में उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भी होते हैं। पुरी की तरह गुजरात में भी इन्हीं तीनों देवताओं की रथ यात्रा निकाली जाती है।
📜 गुजरात में रथ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई?
गुजरात में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत करीब 145 वर्षों पहले हुई थी। वर्ष 1878 में अहमदाबाद में जगन्नाथजी के मंदिर से पहली बार रथ यात्रा निकाली गई थी।

Jagannath Rath Yatra in Gujarat
इस यात्रा की स्थापना सरस्वतीनाथजी महाराज ने की थी, जो भगवान जगन्नाथ के परम भक्त थे। उनका उद्देश्य था कि ओडिशा के पुरी में जो भक्ति की लहर है, वही गुजरात में भी बहे। उन्होंने अहमदाबाद के जमालपुर क्षेत्र में एक मंदिर की स्थापना की और तब से लेकर आज तक हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को यह यात्रा निकाली जाती है।
Jagannath Rath Yatra in Gujarat
🙏 धार्मिक मान्यता और रहस्य
इस रथ यात्रा के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त इस दिन भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचता है या रथ यात्रा में भाग लेता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है।
गुजरात में इस यात्रा का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक भी बन चुकी है। यहाँ रथ के मार्ग को साफ करने से लेकर प्रसाद वितरण तक हर जाति और धर्म के लोग भाग लेते हैं।
🥁 गुजरात की रथ यात्रा की विशेषताएं
- सबसे लंबी रथ यात्रा: यह यात्रा अहमदाबाद के करीब 18 किलोमीटर लम्बे मार्ग से होकर गुजरती है।
- तीन रथ और तीन देवता: भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए अलग-अलग रथ बनाए जाते हैं।
- अखाड़ा प्रदर्शन: अनेक अखाड़े अपने शौर्य और परंपरागत युद्ध कलाओं का प्रदर्शन करते हैं।
- फूलों की सजावट: रथों को गुलाब, गेंदा और चमेली के फूलों से भव्य रूप से सजाया जाता है।
- भव्य पुलिस व्यवस्था: सुरक्षा के लिहाज़ से इसे गुजरात की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा माना जाता है।
🧩 क्यों इतना खास है गुजरात में रथ यात्रा?
- यह यात्रा संस्कृति, आस्था और समरसता का अद्भुत संगम है।
- यह धार्मिक यात्रा एक सामाजिक उत्सव बन चुकी है, जिसमें करोड़ों लोग भाग लेते हैं।
- गुजरात सरकार भी इस आयोजन को बहुत ही व्यवस्थित और बड़े स्तर पर संचालित करती है।
Jagannath Rath Yatra in Gujarat
🕯️ वर्तमान में रथ यात्रा की महत्ता
आज के समय में जब लोग आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं, ऐसे में यह यात्रा उन्हें भगवान से जोड़ने का माध्यम बनती है। यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि सामूहिक चेतना और भक्तिभाव का उत्सव है।

📌 निष्कर्ष
गुजरात में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कारों, परंपराओं और आस्था का भव्य संगम है। पुरी की तरह ही अहमदाबाद की यह यात्रा भी भक्तों के लिए उतनी ही पवित्र और फलदायी मानी जाती है। इसके पीछे छुपा इतिहास, सामाजिक समरसता और धार्मिक आस्था इस आयोजन को और भी अद्वितीय बनाते हैं।
अगर आपने अभी तक इस रथ यात्रा का हिस्सा नहीं बने हैं, तो अगली बार जरूर जुड़िए इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा से।
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